Thursday, 2 January 2014

17 साल बाद ब्‍लाउज से पता चला रेप की कोशिश किसी और ने की थी

विक्‍टर नियलन
इंग्‍लैंड के वॉस्‍टरशायर के एक पोस्‍टमैन को उस जुर्म की सजा मिली जो उन्‍होंने कभी किया ही नहीं था. जी हां, 53 वर्षीय विक्‍टर नियलन को रेप की कोशिश करने का दोषी करार दिया गया था और उन्‍हें 17 साल जेल में गुजारने पड़े. और अब 17 साल बाद पिछले साल दिसंबर में उन्‍हें बाइज्‍जत बरी कर दिया. विक्‍टर पुलिस के खिलाफ मुकदमा दायर करने के बारे में सोच रहे हैं.आपको बता दें कि जब पीड़ित महिला के ब्‍लाउज में मौजूद डीएनए सबूत की जांच की गई तो पता चला कि रेप की कोशिश विक्‍टर ने नहीं बल्कि किसी और शख्‍स ने की थी. सबूत के सामने आने के बाद दिसंबर 2013 में विक्‍टर को जेल से रिहा कर दिया गया.
हालांकि अपनी जिंदगी के कीमती 17 साल जेल में गुजारने के बाद भी विक्‍टर के मन में जेल प्रशासन के खिलाफ कोई कड़वाहट नहीं है. विक्‍टर को जनवरी 1997 में 22 साल की लड़की का रेप करने की कोशिश के अरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
विक्‍टर का कहना है कि वे इतने सालों तक इसलिए चुप रहे क्‍योंकि उनके वकीलों की टीम उनका बचाव करने में असमर्थ थी और उन्‍हें लगता था कि गुनाह कबूल कर लेने से सजा कम मिलेगी. उन्‍होंने कहा, 'पुलिस के पास कभी भी मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था, लेकिन मेरे वकीलों की टीम केस सही से नहीं लड़ सकती थी. अब न्‍याय का वक्‍त है और मैं अपनी जिंदगी वापस चाहता हूं'.
विक्‍टर के मुताबिक, 'मैंने केस की दोबारा जांच करने के लिए पुलिस से बात की है और मुझे लगता है कि पीड़िता को भी इसमें शामिल होना चाहिए. क्‍योंकि पीड़िता को न्‍याय मिलना ही चाहिए'.
जेल से रिहा होने के बाद दिसंबर में विक्‍टर ने अकेले ही क्रिसमस मनाया क्‍योंकि उनके लिए आजादी ही काफी थी. उनका कहना है कि उनके बच्‍चे नहीं हैं और इस बात का उन्‍हें सबसे ज्‍यादा अफसोस है. लेकिन 2014 के लिए उन्‍होंने कई योजनाएं बनाई हैं. वो वर्ल्‍ड टूर करना चाहते हैं. फिलहाल, तो विक्‍टर अपनी आजादी का जश्‍न मना रहे हैं.

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