जबलपुर। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए कड़े कानूनों से उल्टे पुरुषों के प्रताड़ित होने के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें ये कानून पतियों के लिए ही मुसीबत का सबब बन गए। कुछ मामलों में तो आलम यह है कि पत्नियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पतियों ने संन्यास ही ले लिया। मध्य प्रदेश के जबलपुर में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पत्नियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद बीते पांच वर्ष में 4,500 पति ऐसे फरार हुए कि अब तक उनका पता ही नहीं चल सका और उनमें से कई तो संन्यासी ही बन गए। पत्नियों द्वारा कानून की चाबुक चलाए जाने के बाद संन्यासी बने ऐसे ही कई पति नर्मदा तट पर पूजा अर्चना व मंदिरों मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र से लेकर प्रदेश स्तर पर सरकारों ने पिछले सालों में काफी सजगता दिखाई और महिलाओं को सुरक्षा एवं उनके अधिकारों को संरक्षण देने के लिए कई कड़े कानून बनाए और कई कानूनों में संशोधन कर उन्हें सख्त बनाया। इसके चलते छोटी-मोटी बातों पर भी महिलाएं पुलिस का दरवाजा खटखटा देती हैं, जिससे जीवन में खलल तो पैदा हो ही जाता है, पारिवारिक अशांति भी बढ़ जाती है।
पति-पत्नी के बीच विवादों के चलते परिवार टूटने व पतियों के भाग जाने के जो मामले जबलपुर में आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। परिवार परामर्श केंद्र के परामर्शदाता अंशुमान शुक्ला ने बताया कि जबलपुर में बीते पांच सालों में आई पारिवारिक विवाद की शिकायतों के बाद से लगभग 4,500 पति लापता हैं।
अंशुमान ने बताया कि जो पति घर छोड़ गए हैं, उनमें से कई तो संन्यासी बन गए हैं। अंशुमान ने बताया कि शिकायतकर्ता महिलाओं ने ही आकर उन्हें अपने पति के संन्यासी बनने की खबरें दी हैं।
अंशुमान के मुताबिक पत्नियों द्वारा दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए पति भाग जाते हैं, और आने वाली मुसीबत से बचने के लिए फिर उनके पास शेष जीवन संन्यासी बनकर बिताने का ही विकल्प रह जाता है।
पत्नी द्वारा थाने में शिकायत किए जाने से परेशान प्रकाश साहू का कहना है कि उसके पिता का हाल ही में निधन हुआ है, और पत्नी ने प्रताड़ना की शिकायत थाने में दर्ज करा दी। पत्नी उससे इस शर्त पर तलाक चाहती है कि उसे इसके एवज में रकम दी जाए। इस स्थिति से बचने के लिए वह ऐसा रास्ता खोज रहा है, जिससे वह अपने को मुसीबत से बचा सके।
जबलपुर में अगर पतियों के पत्नी से प्रताड़ित होकर भागने और संन्यासी बनने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में नर्मदा के तट और मंदिरों में पत्नियों से दूर भागकर संन्यासी बनने वालों की भरमार हो जाएगी।
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