Friday, 29 November 2013

ब्लैकमेलिंग से तंग आकर प्रोफेसर ने की खुदकशी

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
ब्लैकमेंलिंग से तंग आकर श्रीनगर मेडिकल कालेज में तैनात एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने खुदकुशी कर ली। उनका शव सरकारी आवास के बंद कमरे में मिला। पुलिस को कमरे से तीन पेज का सुसाइड नोट और मोबाइल पर करीब दो हजार मैसेज मिले। इन संदेशों के आधार पर पुलिस ब्लैकमेलिंग को जांच का मुख्य बिंदु मानकर पड़ताल में जुट गई है। ब्लैकमेलिंग का आरोप आगरा की एक युवती पर है।
श्रीनगर मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. विकास गिरी सुबह अपने कमरे में मृत मिले। वह मूल रूप से रुड़की के रहने वाले थे। बुधवार की सुबह करीब दस बजे डॉ. विकास गिरी के बगल में रहने वाले स्टाफ के कर्मचारी सुरेश कुमार प्रजापति और नाश्ता तैयार करने वाले सहायक ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी, लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आई। टीवी की आवाज जरूर कमरे से आ रही थी। स्टाफ ने ईएमओ डॉ. मनोज को इत्तिला किया, वह सुरक्षा गार्डो के साथ वहां पहुंचे। दरवाजा तोड़ा तो भीतर डा. गिरी मृत मिले, उनका शरीर आधा बिस्तर से नीचे लटका हुआ था। बेस अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक सीएल तितियाल ने पुलिस दलके साथ प्रोफेसर के बेडरूम की तलाश ली। मौके पर पुलिस को बेहोशी की दवा की शीशी और बिस्तर के नीचे तीन पेज का सुसाइड नोट मिला। पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में आगरा की एक लड़की पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाने की बात कही गई है। इसमें जिक्र है कि वह इस युवती को अब तक 15-16 लाख रुपये दे भी चुके हैं, जबकि उसकी डिमांड 50 लाख की है।
पुलिस को डा. गिरी के मोबाइल पर ब्लैकमेलिंग से संबंधित करीब दो हजार एसएमएस भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने दिल्ली में तैनात उनकी डाक्टर पत्‍‌नी और अन्य परिजनों को सूचित कर दिया है।

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